
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। किसानों की मांग जब सरकार ने नहीं सुनी तो किसान अब अपनी मांगों को लेकर सुप्रीमकोर्ट पहुंच गए हैं। एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट में कृषि कानूनों का मुद्दा पहुंच गया है। खबर है कि शुक्रवार को किसानों की तरफ से कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर नए कृषि कानूनों (New farm Laws) को रद्द किए जाने की मांग की गई है।
बताया जा रहा है कि यह याचिका भारतीय किसान यूनियन भानु गुट की तरफ से इन नए तीन किसान बिल को वापस लेने या रद्द करने की मांग वाली याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका को एडवोकेट एपी सिंह ने दाखिल किया है। इस याचिका में कृषि के इन तीनों कानूनों को असंवैधानिक करार कर रद्द करने की मांग की गई है।
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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने किसान कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इससे पहले ही केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया था और अब यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
इस याचिका में कहा गया है कि 'ये अधिनियम 'अवैध और मनमाना' है। इस कानूनों के आने से कृषि उत्पादन के संघबद्ध होने और व्यावसायीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।' वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह 'कानून असंवैधानिक हैं क्योंकि किसानों को मल्टीनेशनल कंपनियों के कॉरपोरेट लालच की दया पर रखा जा रहा है।'
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इसके अलावा, किसानों ने अब अपना आंदोलन उग्र करने की चैतावनी दी है, जिसके चलते पुलिस अलर्ट हो गई है। किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाइवे (Delhi Jaipur highway) को जाम करने की चेतावनी दी है। वहीं किसानों ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करने की चेतावनी भी है। ऐसे में 12 दिसंबर को राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर अलग-अलग स्थानों पर लगभग 2,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, एक्सप्रेसवे के चारों ओर 5-6 स्थानों की पहचान की गई है, जहां चौकियों की स्थापना की जाएगी और पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनमें पंचगांव चौक, राजीव चौक, इफको चौक और सिरहोल टोल शामिल हैं। डीसीपी (हेडक्वार्टर) आस्था मोदी ने कहा कि हम शनिवार को लगभग 2,000 कर्मियों को तैनात करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अगर सुरक्षा की आवश्यकता बढ़ती है, तो संख्या बदल सकती है।
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सिंघु बॉर्डर की तरह ही अब टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय में करीब 20 से 25 किलोमीटर हरियाणा की सिटी सीमा पर किसान किसान है। नतीजतन सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इसी बीच गुरुवार के दिन किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार में विपक्षी नेताओं कुमारी शैलजा अजय चौटाला धरना स्थल पर पहुंचे। हालांकि पहले किसान ने उन्हें टोका, लेकिन जब उन्होंने कहा कि वह मंच पर राजनीतिक एजेंडा नहीं रखेंगे तो किसानों ने उन्हें बोलने दिया बताया जाता है कि उनके समर्थन में हजारों की संख्या में पहुंचे हैं।
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