नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राजस्थान में बड़ा सियासी खेल चल रहा है। एमपी के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस सरकार के जाने के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि इस बीच बीजेपी पार्टी की तरफ से कोई बड़ा दांव नहीं चला गया है। जानकारों की माने तो अभी बीजेपी की तरफ से 'परिस्थितियां देखने' को कहा गया है।
सूत्रों की माने तो बीजेपी किसी भी निर्णय को लेने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शक्ति प्रदर्शन के परिणाम का इंतजार करेगी। वहीँ, बीजेपी में भी राजस्थान संकट को लेकर बैठकों का दौर जारी है।
एमपी की तरह यहां भी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भूमिका नजर आ रही है। रविवार शाम राजस्थान के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से प्रधान की बातचीत हुई है। वैसे, बीजेपी नेताओं में राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पार्टी ज्वाइन करने को लेकर कोई विरोध नहीं है।
इस बीच खबरें आ रही हैं कि सचिन पायलट को लेकर गहलोत खेमे से उनकी छवि खराब करने को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। वहीं, ये कहा जा रहा है कि राज्य सरकार में सचिन पायलट की स्थिति को कमजोर करना चाहते हैं।
हालांकि इस बीच गहलोत ने कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें ये साफ़ हो जायेगा कि गहलोत और पायलट को कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
वहीँ, खबर ये भी है कि सचिन पायलट बीजेपी के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन बीजेपी ने इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार किया है। बहरहाल, सचिन पायलट कांग्रेस से अब खुश नहीं हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी खुले आम जाहिर भी की है। सचिन पायलट ने ये भी दावा किया है कि उनके साथ कांग्रेस के 30 विधायकों और कुछ अन्य निर्दलीय सदस्यों का समर्थन है।
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