पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में कांग्रेस के लिए अपनी जीती हुई सात सीटें बचाना एक बड़ी चुनौती बन गयी है. दरअसल 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की जीती हुई तीन सीटें इस बार वाम दल को चली गई हैं और जो सीटें कांग्रेस के पास है उन पर टक्कर बीजेपी के प्रत्याशियों से है. जो तीन सीटें वामदल के खाते में गयी हैं उनमें भी बछवारा में बीजेपी से तो मांझी और भोरे में जेडीयू से टक्कर है, इस चरण में कांग्रेस के चार दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
कांग्रेस की बड़ी चुनौती
बिहार विधान सभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन 94 सीटों पर चुनाव होना है उनमें कांग्रेस के हिस्से में 24 सीटें आई हैं, इन 24 सीटों में पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सात सीटें जीती थीं, और जो सीटें कांग्रेस को इस बार मिली है उनमें मात्र आठ सीटों पर ही पिछले चुनाव में कांग्रेस लड़ी थी इस बार ये सीटें पार्टी के लिए बिल्कुल नई है इन सीटों पर भी जीत की दर्ज कराना इनके लिए बड़ी चुनौती है.मांझी से चुनाव जीते पूर्व मंत्री विजय शंकर दुबे को पार्टी ने महाराजगंज से चुनाव में उतारा है तो रोसड़ा से चुनाव डॉ अशोक कुमार इस बार कुशेश्वर स्थान से किस्मत आजमा रहे हैं वहीं महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमिता भूषण बेगूसराय से चुनाव लड़ रही हैं तो पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार कृपा नाथ पाठक फुलपरास से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
कांग्रेस के खाते में गई दूसरे चरण की सीटें
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