अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर उनकी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से देश को संबोधित किया। पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत सुब्रह्मण्य भारती की पंक्तियों से की। मोदी ने कहा कि, तमिलनाडु में जन्मे महान कवि गाते थे- ''यह है भारत देश हमारा... आगे कौन जगत में हमसे, यह है भारत देश हमारा.., महारथी कई हुए जहाँ पर, यह है देश मही का स्वर्णिम, ऋषियों ने तप किए जहाँ पर, यह है देश जहाँ नारद के, गूँजे मधुमय गान कभी थे, यह है देश जहाँ पर बनते, सर्वोत्तम सामान सभी थे।''
प्रधानमंत्री ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि, ''यह कोरोना आपदा अचानक आई। इसने पूरे विश्व को प्रभावित किया, लेकिन भारत ने जो किया वह अभूतपूर्व है। जिस महामारी ने दुनिया के बड़े-बडे देशों को पस्त कर दिया, लेकिन 130 करेाड़ भारतीयों की एकजुटता ने डटकर सामना किया। हम सभी की एकजुटता कोरोना के इस संकटकाल में सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है। उनकी राहत पर चलते हुए देश ने कई ऐसे काम किए हैं, जो कभी मुश्किल मान लिए गए थे। हमने आर्टिकल 370 हटने का संकल्प पूरा किया। सरदार पटेल ने 31 अक्टॅूबर को ही उन्होंने इसका जिक्र किया था। वो इसे नहीं चाहते थे। फिर उनका कार्य हमने पूरा किया।''
मोदी बोले- ''देश भव्य राम मंदिर को बनते भी देख रहा है। हम एक ऐसे देश का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें सब समान भी हों, सशक्त भी हों। सरदार पटेल कहते थे कि कि किसान, मजदूर, गरीब सशक्त तब होंगे, जब वे आत्मनिर्भर बनेंगे। तो हम आत्मनिर्भर देश ही बनाएंगे। जो अपनी प्रगति के साथ-साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर हो रहा है।''
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