पटना: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले के बीच आज (रविवार) को अमित शाह ने वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का शंखनाद कर दिया है। अमित शाह ने कहा कि भारत के निर्माण में बिहार के प्रवासी मजदूरों के पसीने की महक है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का काम केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर किया है।
अमित शाह ने कहा कि बिहार के मजदूरों के लिए हजारों ट्रेनें चकलाई गई। ट्रेन में भोजन-पानी दिया गया। बिहार में क्वारंटाइन सेंटर में रहने के लिए बिहार सरकार ने काफी बेहतर व्यवस्था की।
उन्होंने भाषण की शुरुआत करते हुए कोरोना जंग में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कोरोना वॉरियर्स को सलाम किया।
अमित शाह ने कहा- बिहार की भूमि से सबसे पहले दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव हुआ। महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। जिसने अफगानिस्तान से लंका तक अखंड भारत के सपने को साकार किया।
बुध और महावीर, चंद्रगुप्त और चाणक्य की इस भूमि ने इस भारत का नेतृत्व किया है। जब कभी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलावड़ हुआ,
बिहार से ही बिगुल फूंका गया। जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल से लोकतंत्र का गला घोंटा तो बिहार ने ही जेपी के नेतृत्व में आंदोलन करके लोकतंत्र को बहाल किया। जॉर्ज साहब और राममनोहर लोहिया जी की भी यही कर्मभूमि है। बिहार ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी और सामाजिक न्याय के झंडे को बुलंद किया।
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि राजद ने देर से ही सही लेकिन थाली बजाकर पीएम नरेंद्र मोदी की बात मान ली है। उन्होंने कहा कि ये चुनावी रैली नहीं है, यह रैली देश के करोड़ों लोगों को कोरोना संक्रमण की लड़ाई से जोड़ने की रैली है। जो लोग इसका विरोध करते हैं वह सभी लोग वक्रद्रष्टा लोग हैं। उन्होंने कि भाजपा अध्यक्ष ने 75 वर्चुअल रैली का आयोजन किया है। इसके माध्यम से देश के अलग-अलग हिस्सा से जुड़ने का प्रयास किया जाएगा।
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