नयी दिल्ली 05 जून - देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमितों की संख्या 2,26,700 पहुंच गयी है लेकिन राहत की बात यह है कि बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है और शुक्रवार को स्वस्थ होने की दर बढ़कर 48.27 फीसदी हो गयी जबकि मृत्यु दर केवल 0.41 प्रतिशत प्रति लाख है।
कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर गुरुवार को हालांकि 47.90 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर 2.81 प्रतिशत रही। बुधवार को स्वस्थ होने की दर 48.28 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर 2.80 प्रतिशत रही। मंगलवार को स्वस्थ होने की दर 48.36 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर मात्र 2.79 प्रतिशत रही। सोमवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 48.42 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर मात्र 2.86 प्रतिशत रही। इससे पहले रविवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 47.62 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर केवल 2.83 प्रतिशत रही।
देश में इस समय कोरोना मामलों की जांच में 507 सरकारी और 217 निजी प्रयोगशालाएं जुटी हुई हैं और पिछले 24 घंटों में 1,43,661 नमूनों की जांच की जा चुकी है और देश में अब तक 43,86,379 लोगों की कोरोना वायरस की जांच हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में इस समय 957 कोविड समर्पित अस्पताल हैं जिनमें 1,66,460 आइसोलेशन बिस्तर, 21,473 आईसीयू बिस्तर, 72,497 ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तर हैं। इसके अलावा 2362 डेडिकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर हैं जिनमें 1,32,593 आइसोलेशन बिस्तर, 10,903 आईसीयू बिस्तर और 45,562 ऑक्सीजन सुविधा युक्त बिस्तर हैं।
केन्द्र सरकार ने विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 128.48 लाख एन-95 मॉस्क और 104.74 लाख पीपीई किट्स उपलब्ध कराये हैं। देश में इस समय 11,210 क्वारंटाइन केन्द्र और 7,529 कोविड केयर सेंटर हैं जिनमें 7,03,786 बिस्तर उपलब्ध हैं।
भारत में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने की दर 15 अप्रैल को 11.42 प्रतिशत, तीन मई को 26.59 प्रतिशत, 18 मई को 38.29 प्रतिशत थी और इसके बाद इसमें सुधार होता गया और अब यह 48.27 प्रतिशत है।
पूरे विश्व में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का प्रतिशत देखा जाए तो विश्व में इस समय यह औसतन 6.13 प्रतिशत है और भारत में 2.80 प्रतिशत है जो पूरे विश्व में सबसे कम है। अगर प्रति लाख आबादी के हिसाब से कोरोना मौतों का आंकड़ा देखा जाए तो पूरे विश्व में यह 4.9 प्रतिशत है लेकिन भारत में यह मात्र 0.41 प्रतिशत प्रति लाख है और बेल्जियम जैसे देश में यह दर 82.9 प्रतिशत प्रति लाख है।
आईसीएमआर ने पिछले दो माह से कोरोना परीक्षण की क्षमता बढ़ाने पर लगातार ध्यान दिया है और अब हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में कोरोना की परीक्षण सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इस समय देश में 724 प्रयोगशालाएं कोरोना की जांच मे लगी हैं।
मार्च माह में हमारी टेस्टिंग क्षमता 20 से 25 हजार प्रतिदिन की थी जो अब बढ़कर सवा लाख से अधिक प्रतिदिन हो गई है। सरकार अब कोरोना की जांच के लिए ट्रूनेट प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रही है। यह तपेदिक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था और यह कोरोना के लिए कंफर्मेटरी टेस्ट है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला स्तर के अस्पतालों में उपलब्ध है । इससे टेस्टिंग की क्षमता बढ़ गई है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि इसमें 'बॉयो सेफ्टी' की कोई अधिक जरूरत नहीं है।
इसके अलावा जीन एक्सपर्ट प्लेटफार्म से टेस्ट करने की प्रकिया भी शुरू कर दी गई है और इसके लिए नई मशीन भी आर्डर की गई है। यह भी जिला स्तर पर उपलब्ध है। देश में भारतीय आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स काफी संख्या में उपलब्ध हैं।
देश में कोरोना के संक्रमण का पता लगाने के लिए सीरो सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह देश के 71 जिलों में जारी है।
कोरोना वायरस के इलाज को लेकर उच्चतम न्यायालय ने निजी अस्पतालों में कोरोना महामारी के इलाज पर आने वाले खर्च की ऊपरी सीमा तय करने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार काे पक्ष रखने को भी कहा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने अभिषेक गोयनका की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा।
न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को एक सप्ताह में इस बारे में सरकार से निर्देश लेकर आने को कहा।
मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।
याचिकाकर्ता ने निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस 'कोविड 19' के इलाज खर्च की ऊपरी सीमा तय करने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है।
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